श्री नवयुवक रामदेव सेवा समिति
संस्था के पच्चीस वर्ष पूर्ण होने पर अपना प्रतीक चिन्ह जारी किया




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 श्री नवयुवक रामदेव सेवा समिति

          आपको विदित है की श्री नवयुवक रामदेव सेवा समिति की स्थापना 1989 में के टिमटिमाते हुवे दीप की भांति हुई जिसमे मुख्य भूमिका स्व. श्रीमती बुलिदेवी व्यास की रही है स्थापना के बाद यह संस्था नि:स्वार्थ भावना से आप सबके आपेक्षित सहयोग से पैदल यात्रियों के लिए रानेरी टू-वैल गढ़ना बाप, सांगेरी गावं, तानोटिया माताजी,  देरानी-जेठानी स्थानों पर अस्थाई कैम्प में नि:शुल्क भोजन, बिस्कुट, चाय, दूध, ठंडा जल, और प्राथमिक चिकिसा के साथ ओढने के लिए कम्बल की भी व्यवस्था  करती है|
          
यह संस्था पैदल  यात्रियों को यह सुविधा तो प्रदान करती है. इसके  अलावा लाली बाई धोरे के आस-पास गोचर भूमि में पशु-पक्षियों के लिए पानी, परिंडो का निर्माण व नेतल पार्क में उसका रख रखाव व संस्था की प्याऊ का संचालन करती है|

           सेवा कें नाम पर इस संस्था ने अपने आपको बीज समझा न फल, बीज अपना  अस्तित्व जिस प्रकार भूमि को अर्पित कर देता है ऐसे में पोधो को जन्म मिलता है   और वंही पौधा समय पाकर फल देता है, वही फल सबका आकर्षण बनता है संस्था ने आपके सहयोग से जो  अपना वजूद कायम रखा है वह निष्पक्ष  व  पारदर्शी रूप से आमजन के सामने है सेवा कार्य की सफल क्रियांविंत में आर्थिक व अन्य यथोचित सहयोग जिन्होंने दिया है संस्था उनकी कृतग्य  है| 

          यह संस्था अपनी स्थापना के पश्यात अपने उद्श्यो की प्राप्ति में लगी हुई है|वर्तमान जगत में त्याग और ताप की भावना तथा निष्काम सेवा करने वाले व्यक्ति बहुत कम है लेकिन आज के समय में ऐसे व्यक्तियों की निशांत आवश्यकता है|


चिड़ी चोंच भर ले गयी, घट्यो नदी ना नीर|
दान दिया धन न घटे, कह गए दास कबीर||
भादवा मास संवत 2072 में संस्था द्वारा पैदल यात्रियों की सेवा हेतु नि:शुल्क लगाये जाने वाले अ अस्थाई कैम्पों का विवरण निम्न प्रकार है :-

महाप्रसाद- रानेरी टू-वैल टावर के पास
दिनांकतिथिवारकैंम्प का स्थानसे       समय     तक









































            दशमी को रामदेवरा में तलाई पर बाबे की कड़ाई का प्रसाद